सब का अपना अपना फ्यूचर होता है। लेकिन हरे कछुओ का फ्यूचर है मादा बन जाना
हाँ सुनने में थोड़ा अजीब है लेकिन 52 % हरे कछुए मादा जन्म लेते है।और नए रिसर्च से तो यह बताया जा रहा है की इस सेंचुरी के अंत तक 93% हरे कछुए सिर्फ मादाएँ ही होगी। और इसकी वजह और कुछ नहीं बल्कि वातारवरण में बढ़ता हुआ तापमान है दरअसल कछुआ नर होगा या मादा होगी ये बात तापमान निर्धारित करता है। वैसे तो ये आंकड़े दक्षिण अफ्रीका लेकिन रिसर्चर्स का कहना है ऐसी तस्वीर दुनियाँ भर के हरे कछुओं में भी देखि जा सकती है। यूँ तो अनुमान है की बहुत से अंडे से मादा ही निकलेंगे। लेकिन गर्म वातारवरण के कारन बहुत सारे अंडे बर्बाद भी हो जाएंगे दोस्तों इन कछुओं के फ्यूचर के ज़िम्मेदार भी हम मनुष्य ही है। वैसे आपका क्या कहना है। वातावरण को ठंडा किस प्रकार से रखा जा सकता है ?