मर्द हो या औरत सभी को आकर्षित दिखने का हक़ है। इसलिए तो ये प्रथा दिवाली के पहले दिन भी सैंदर्य को निखारने की प्रथा है।रूप चौदस का यह दिन स्वास्थ्य के साथ सुंदरता और रूप की आवश्यकता का सन्देश देता है।रूप चौदस के दिन सुबह-सुबह जल्दी उठकर शरीर पर तेल की मालिश की जाती है।
कुछ लोग तेल में हल्दी , गेहूं का आटा , बेसन आदि मिलाकर उबटन बना कर इसे शरीर पर लगाकर नहाते है। ऐसा करने पर शरीर का मैल निकल जाता है आपकी त्वाचा और भी नर्म और निखरी हुई सी हो जाती है।
कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ‘नरकासुर’ का वध करने के बाद तेल से नहाये थे, तब से यह प्रथा शुरू हुई। इस दिन सुबह उठकर तेल मालिश कर के स्नान करने से नरक से मुक्ति मिलती है ।
इसलिए इसे नरक चतुर्दशी भी कहते है।बंगाल में यह दिन काली चौदस के नाम से जाना जाता है। महाकाली देवी शक्ति के जन्मदिन के रूप में इसे मनाया जाता है। रूप चौदस की अनेक सी कहानियाँ है अलग -अलग राज्यों के अनुसार ।
माना जाता है कि इस दिन सूर्योदय से पहले उबटन लगाकर स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है और रूप निखरता है।
आज हम आपको बताएंगे रूप चौदस पर कैसे निखारे अपना रूप।आपको बताएंगे 5 तरह के उपटन जिससे खिल के निखार आएगा आपका रूप और सौंदर्य को लग जाएंगे चार चाँद।
1 बेसन, हल्दी और चंदन पाउडर को मिलाकर गुलाबजल और निम्बू डालें और एक पेस्ट बनाले गाड़ा सा । अब इस पेस्ट को उबटन की तरह चेहरे और शरीर के विभिन्न अंगों पर लगाएं और जब यह आधा सूख जाए, तो स्नान कर लें।
2 ठन्डे कच्चे दूध में बेसन और हल्दी मिलाकर लेप तैयार करें और इसे शरीर पर लगाएं। त्वचा के रूखेपन से बचने का यह एक बेहतर तरीका है। यह आपकी त्वचा को कोमल बनाएगा और रूप को निखारेगा।
3 चावल का आटा लेकर इसमें बराबर मात्रा में शहद और गुलाबजल डालें और अच्छी तरह मिलाकर लेप तैयार करें। इस लेप को लगाने से त्वचा मुलायम बनेगा और उस में कसाव भी आएगा।
4 नीम और तुलसी की पत्तियों को पीसकर लेप तैयार कर लें और इसे चेहरे व पूरे शरीर पर लगाएं। यह एंटीबायोटिक की तरह काम करेगा और त्वचा के कीटाणुओं का नाश कर त्वचा को स्वस्थ बनाएगा।
5 बेसन में मुल्तानी मिटटी , शहद और दही डाल कर लेप तैयार करे और उससे अपने शरीर पर लगाए। आपका रंग चमक उठेगा और त्वाचा दिखेगी और भी खूबसूरत।
आशा करते है आपको रूप चौदस के ये उपटन बेहद पसंद आये होंगे। इन्हे आप सप्ताह में एक बार ज़रूर अपनाए ताकि आपकी त्वचा दिवाली के दीपक की तरह सदा चमचमाती रहे। इसी के साथ आप सभी को रूप चौदस की बहुत सी शुभ कामनाए।